Raipur. प्रवर्तन निदेशालय की ओर से छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाला मामले में लगातार कार्रवाई जारी है। इस मामले में ईडी ने पहली गिरफ्तारी 13 अक्टूबर को की थी। यह गिरफ़्तारी निलंबित IAS समीर बिश्नोई की हुई थी। ईडी ने IAS बिश्नोई के साथ कोल घोटाला मामले का किंगपिन बताए गए सूर्यकांत तिवारी के रिश्तेदार लक्ष्मीकांत तिवारी और कोल वाशरी के मालिक सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। ये तीनों ही न्यायिक हिरासत में केंद्रीय कारागार रायपुर में क़ैद हैं। इनकी गिरफ़्तारी के बाद 11 नवंबर को बचाव पक्के ज़मानत याचिका दायर की थी जिसे रायपुर कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था। अब इन तीनों की गिरफ़्तारी को साठ दिन पूरे होने वाले हैं, और ED को साठ दिन पूरा होने के पहले चालान कोर्ट में पेश करना होगा। यदि साठ दिन के भीतर चालान पेश नहीं हुआ तो अभियुक्तों को ज़मानत मिल जाएगी।
क्या कहता है नियम
प्रवर्तन निदेशालय को किसी अभियुक्त की गिरफ़्तारी से साठ दिनों के भीतर फ़ाइनल रिपोर्ट पेश करनी होती है।पहले यह अवधि 100 दिनों से ज़्यादा की होती थी। ईडी यदि साठ दिनों के भीतर गिरफ़्तार किए गए आरोपी के विरूद्ध फ़ाइनल रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत नहीं कर पाती है तो आरोपी इस आधार पर बेहद आसानी से ज़मानत ले सकता है कि, चालान ( फ़ायनल रिपोर्ट ) साठ दिनों में पेश नहीं की गई।
ईडी की क़वायद तेज
प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में गिरफ़्तार तीन व्यक्तियों के खिलाफ चालान पेश करने की क़वायद में तेज़ी से लगा है। ऐसे संकेत हैं कि, ईडी साठ दिन की समय सीमा के भीतर दस दिसंबर को निलंबित IAS समीर बिश्नोई, लक्ष्मीकान्त तिवारी और सुनील अग्रवाल के खिलाफ चालान कोर्ट में पेश कर देगी।